उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि विगत साढ़े चार वर्षांे में प्रदेश का राजस्व लगभग दोगुने से अधिक हुआ है। राजस्व संग्रह के कार्य में इन्फोर्समेण्ट की जगह जनसंवाद पर बल दिया गया है। क्षेत्रवार कर संग्रह के लक्ष्य तय करते हुए लोगों को टैक्स के प्रति जागरूक किया गया।
मुख्यमंत्री यहां प्रत्यक्ष कर भवन के लोकार्पण अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा संयुक्त रूप से आयकर विभाग, लखनऊ के नवनिर्मित प्रत्यक्ष कर भवन का लोकार्पण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने टैक्स सरलीकरण की दिशा में अनेक कार्य किये, जिससे आज लोगों को टैक्स अदा करने में सहूलियतें प्राप्त हो रही हैं। सामान्य करदाता टैक्स देना चाहता है, लेकिन टैक्स की जटिल प्रक्रिया के कारण वह टैक्स जमा करने के प्रति अनिच्छुक हो जाता था। उद्यमियों को सरल प्रक्रियाओं के माध्यम से शासकीय क्रियाओं से जोड़ा है। टैक्स अधिकारी लोगों से आत्मीय भाव से जुड़ेंगे, तो लोग एवं व्यवसायी टैक्स प्रक्रिया को अपने कार्य एवं व्यवसाय का हिस्सा मानेंगे तथा इस प्रक्रिया से जुड़कर गौरव की अनुभूति करेंगे। उन्होंने जनसामान्य को टैक्स के प्रति जागरूक करने एवं टैक्स फाइल प्रक्रिया से प्रशिक्षित किए जाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बढ़े हुये राजस्व का उपयोग राज्य के सर्वांगीण विकास में किया जा रहा है। सरकार इस राजस्व से ही विभिन्न विकास कार्याेें को सम्पादित कर रही है। इन विकास कार्यांे से लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है। सकारात्मक वातावरण से प्रदेश मंे अनेक सम्भावनाओं का विकास हुआ है। आज प्रदेश में कानून व्यवस्था की मजबूत स्थिति एवं सुरक्षा के वातावरण के कारण निवेश की अनेक सम्भावनाएं विकसित हुई हैं।
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