विजन2020न्यूज। ये नशा आज कल वाला नही है, पुराना ही है। समाज में अक्सर दिख जाता है। ये नशा घातक भी है। चलो आपको नशे का नाम बताते है। तो इसका नाम है ”वेरी इमपोटेंट पर्सन” नशा। जी…. अक्सर ये नशा होता किसी को है और इसका शिकार कोई भी जन सामान्य हो सकता है।
वैसे तो इस वीआईपी नशे के शिकार कोई भी हो सकता है पर ज्यादातर हमारे माननीय इस नशे की लत में दिखते है। उनके लिए वीआईपी होना जैसे सारे नैतिकों की धज्जियां उड़ाने के बराबर है। ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद में सामने आया है। केंद्रीय महेश शर्मा के सुरक्षाकर्मियों की गुंडागर्दी की तस्वीरे सामने आयी है। दिलचस्प ये रहा कि सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में रेकॉड हो गई।
अब वीआईपी मंत्री जी को कौन समझाए कि सोसाइटी में तैनात गार्ड सिर्फ अपना काम कर रहा था। और काम करने के कीमत उसे पिटाई खाकर चुकानी पड़ी, क्योकि उसने वीआईपी मंत्री जी की गाड़ी रोकने का पाप जो किया था।
बीती शाम दिल्ली से सटे गाजियाबाद में माननीय केद्रीय मंत्री महेश शर्मा एक हाउसिंग सोसाइटी में जा रहे थे। सोसाइटी के सुरक्षा गार्डो ने जब गाड़ी रोक कर पूछा कि कहां जाना है, इतने में मंत्री जी के सुरक्षाकर्मियों बिदक गए और गुस्से में आकर सोसाइट गार्ड की जमकर धुलाई कर दी। फिलहाल महेश शर्मा ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए कह दिया है कि मार पीट के वक्त वो दूसरी गाड़ी में थे।
क्या है पूरा मामला
घटना गुरुवार शाम 5 बजे की हैण् बताया जात है कि सोसायटी के सुरक्षा गार्ड ने उनसे फ्लैट का नंबर पूछाए इसमें तकरीबन 2 मिनट का समय लगा और मंत्री की गाड़ी एंट्री प्वॉइंट पर इतनी ही देर रुकी रही। बस इतने में ही मंत्री के साथ चल रही पुलिस का स्टीकर लगी नीली बत्ती की स्कार्पियो में सवार सुरक्षाकर्मी ने गेट पर मौजूद तीन गार्डों के साथ मारपीट शुरू कर दी।
वीआईपी मंत्री जी का बयान
महेश शर्मा ने कहा कि वो लोग दूसरी गाड़ी में थेण् पहले मेरी गाड़ी निकल गई, जिसके बाद ये सब हुआण् यह दो गुटों में झड़प जैसी बात है। मैंने संबंधित आरडब्लूए से इस घटना के लिए तत्काल माफी मांगीण् मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैंए तत्काल कार्रवई हुई हैण् उन लोगों को हटा दिया गया है। मैं और क्या कर सकता हूं?
इतना होने के बाद मंत्री जी ने सफाई तो दे दी पर ऐसी घटनाओं के बारे में न तो कोई विशेष टिप्पणी की और आगे ऐसी घटनाओं को होने से कैसे रोका जाए जैसा कुछ कहा। क्या करे,गलती माननीय की भी नही है, वीआईपी है ना…. जनता सिर्फ चुनाव में ही याद आती है और ये वीआईपी मंत्री उस वक्त आम जनता के सामने भी बेचारे लगते है। जय हो मंत्री जी!!!