उत्तराखंड सरकार और भारतीय सेना के बीच श्रीनगर गढ़वाल स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज को सेना के द्वारा संचालित करने के विषय पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। यह निर्णय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और भारत के थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के मध्य हुई मुलाकात में लिया गया।
उत्तराखंड को मिलेंगे सेना के डॉक्टर
इसके साथ ही उत्तराखण्ड में डाॅक्टरों की कमी को देखते हुए सेना से रिटायर होने वाले स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाॅक्टरों को राजकीय चिकित्सा सेवा में लिये जाने पर भी सहमति बनी। इस विषय में शीघ्र ही राज्य सरकार द्वारा एक औपचारिक प्रस्ताव सेना को भेजा जायेगा। सेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के मध्य सीमान्त क्षेत्रों में बार्डर एरिया विकास कार्यक्रमों पर भी विस्तृत विचार विमर्श हुआ।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज पर विस्तृत विचार-विमर्श के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल काॅलेज में उत्तराखण्ड के छात्रों के हितों का पूरा ध्यान रखने के साथ ही लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो इसको सुनिश्चित किया जायेगा।
किसानो की सहायता करेगी सेना
जनरल बिपिन रावत ने बताया कि सेना द्वारा प्रयोग के तौर पर उत्तराखंड के उच्च पर्वतीय भू-भाग में उन्नत किस्म के अखरोट के पौधे लगाये जायेंगे और इनके परिणाम को देखते हुए भविष्य में स्थानीय ग्रामीणों को भी यह पौधे दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि यदि सेना को अखरोट उत्पादन के लिए जमीन की आवश्यकता होगी तो राज्य सरकार वन पंचायत या उद्यान विभाग के बगीचों को दे सकती है।