दाल चीनी का पौधा जितना छोटा है गुणों में उतना ही बड़ा है, यह कई बीमारियों से राहत दिलाता है. बताते हैं आपको कुछ फायदेमंद बाते ..
>अपच, पेटदर्द और मन्दाग्नि कम हो इसलिये दालचीनी, सौन्ठ, जीरा और इलायची सम मात्रा में लेकर पीसकर गरम पानी के साथ ले .
>दालचीनी, काली मिर्च पावडर और शहद आदि मिलाकर भोजन के बाद लेने से पेट में गुबार नाही आता.
>दालचीनी से जी मचलना, उल्टी और जुलाब रुकते है.
>पेट की वायू कम करने के लिये दालचीनी के पत्तों का चूर्ण और काढा बना कर लिया जाता है.
>गर्भाशय के विकार और गनोरिया में दालचीनी का उपयोग किया जाता है.
>प्रसव के बाद एक महिने तक दालचीनी का टुकडा चबाने से गर्भ धारणा को टाला जा सकता है.
>दालचीनी से माता के स्तन का दूध बढ़ता है.
>गर्भाशय का संकुचन होता है.
>मुहांसे कम होने के लिये दालचीनी का चूर्ण नींबू के रस में मिलाकर लगावें.
लेकिन इसके नुक्सान भी बहुत हैं..
दालचीनी उष्ण गुणधर्म की है, इसलिये गर्मी के दिनो में कम उपयोग करें.
दालचीनी को अधिक खाने से खून पतला होने लगता है .
गर्भवती महिला को दालचीनी का सेवन कम नहीं करना चाहिए.
इससे उनको पेट में दर्द और एसिडिटी की समस्या हो जाती है.
“जिन महिलाओं की स्किन सेंसिटिव होती है उन्हें दालचीनी का पैक नहीं लगाना चाहिए, इससे खुजली की समस्या हो सकती है..