आजकल भागदौड़ भरी जिन्दगी में हंसने के लिए भी कुछ पल चुराने पड़ते हैं या यूं कहलो की निकालने पड़ते हैं । लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या में कब हंसते हैं, ये भी अब उन्हें सोचना पड़ता है। लेकिन जिन्दगी में रिलेक्स होना है तो हंसना और मुस्कुराना तो जरूरी है। बदलते लाइफस्टाइल में आजकल अपनी स्माइल के लिए लोग वॉट्सएप और फेसबुक का यूज करते हैं। आप खुद को ही देख लीजिए वॉट्सएप और फेसबुक पर चैट करते समय अपनी फीलिंग्स को बयां करने के लिए अक्सर आप स्माइली और इमोजी का इस्तेमाल करते होंगे। वही अब वॉट्सएप पर 800 से ज्यादा इमोजी प्रयोग की जा रही हैं। जब चेहरे और शरीर से भावनाएं नहीं दिखा सकते, ऐसे में इमोजी बेहतर ऑप्शन साबित होता है। कुल मिलाकर ये अपनी भावना को दर्शाने का एक बहुत अच्छा जरिया है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि स्माइली और इमोजी का रंग हमेशा पीला ही क्यों होता है??
वैसे तो इसके पीले होने के पीछे कोई पर्टिकलुर कारण नहीं है और ना ही कोई जवाब है। पर सोचने वाले इसके लिए कई कारण बताते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि पीला रंग ज्यादातर हर व्यक्ति की स्किन टोन का बेसिक कलर माना जाता है, इसलिए स्माइली और इमोजी पीले होते हैं।
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि खिलखिलाते और मुस्कुराते हुए चेहरे मीडिया में हमेशा पीले दिखते हैं,पीला कलर अपने फ़्लैश में भी पीला ही दीखता है,शायद इसीलिए चाहे स्टिकर्स हों या गुब्बारे, उनका रंग भी अधिकतर पीला होता है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि ये रंग खुशी का प्रतीक होता है, वहीं एक तर्क ये भी है कि पीले रंग के बैकग्राउंड पर चेहरे की डीटेल्स साफ दिखती हैं।
इस सभी कारणों में तो वैज्ञानिक विकल्प ही दिख रहे है, तत्थ्य कुछ भी हो पर पिले कलर में इमोजी अपनी खास पहचान बना चुके है।