जहां आज भी मॉर्डन दौर में सेक्स को लेकर लोगों की धारणाओं में खास बदलाव नहीं आया है और आज भी इसे दुनिया के कई हिस्सों में टैबू की तरह देखा जाता है. वहीं प्राचीन दौर के कुछ ऐसे बेहद अजीबो गरीब तथ्य और कहानियां निकल कर सामने आती हैं, जो ये साबित करते हैं कि प्राचीन दौर में लोग सेक्स को लेकर बेहद Weird और क्रेजी थे।
बीवियों को उधार तक दे दिया जाता था.
बीवियों को दिया जाता था उधार
प्राचीन प्री-इस्लामिक अरब एक अजीबोगरीब प्रथा में विश्वास करते है, ये रिवाज ज्यातर उन परिवारों में देखा जाता था जिन्हें अपने बच्चों की जेनेटिक क्वालिटी को और बेहतर करना होती थी, लेकिन शौहर अपनी पत्नियों को यूं ही किसी के भी पास नहीं भेजते थे। इस काम के लिए ये लोग आकर्षक और समाज में प्रतिष्ठित लोगों का ही चुनाव करते थे, ताकि इन रसूखदार लोगों की क्वालिटी बच्चे में भी आ जाए। बताते चलें कि उस दौर में भी समाज किसी भी तरह से शेमिंग से बचता था यानि इस तरीके से पैदा हुए बच्चों के सामाजिक पिता को ही असल में बच्चे का पिता माना जाता था न कि बच्चे के बायोलॉजिकल पिता को।
जानकारों की मानें तो इस दौरान ये शखस अपनी पत्नी को इस चुने हुए व्यक्ति के घर भेज देता था. महिला के प्रेग्नेंट होने के बाद ही वो अपने घर वापस आ सकती थी, ये विडंबना ही है कि इस दौरान अगर पति अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाता है, तभी उसे इस बच्चे का पिता समझा जाता है।
Taoism फ़िलोसॉफ़ी
फिलोसॉफी में विश्वास करने वाले लोगों का मानना है कि पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी के बीच बैलेंस बनाए रखने से ही आध्यात्मिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य की ऊंचाईयों तक पहुंचा जा सकता था। कुछ लोग मानते थे कि किसी भी इंसान को अपनी जिंदगी में ज्यादा बर्बाद नहीं करना चाहिए यही कारण था कि प्राचीन चीनी लोगों को सेक्स के दौरान Ejaculate न करने की सलाह दी जाती थी। लेकिन दूसरी ओर इसी फिलोसॉफी के अनुसार, सेक्स को बेहतर स्वास्थ्य का जरिया भी माना जाता था, ऐसे में प्राचीन चीनी लोगों को सेक्स भी करना होता था, और इस दौरान वे Ejaculate भी नहीं कर सकते थे।
26000 हजार पुराने सेक्स टॉयज का इतिहास
दुनिया का सबसे पुराना सेक्स टॉय एक पत्थर का क्पसकव था. ऐसा माना जाता है कि ये 26000 हजार साल पुराना है। लेकिन क्या प्राचीन सभ्यताओं में सेक्स टॉयज की प्रासंगिकता थी? मिस्त्र में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्लियोपैट्रा पहली ऐसी महिला थी जिसने वाइब्रेटर का इस्तेमाल शुरू किया था। साथ ही यह भी माना जाता है कि वे अपने सेक्स टॉय के साथ काफी प्रयोगों के लिए भी जानी जाती थी। वहीं प्राचीन ग्रीक और रोमन्स भी अपने सेक्स टॉयज को बेहतर बनाने की कोशिशें करते थे।
मॉर्डन दौर की समलैंगिकता प्राचीन दौर से अलग थी?
आज के दौर में होमोसेक्सुएलिटी यानि समलैंगिकता को सेम सेक्स के प्रति आकर्षण के तौर पर माना जाता है, हालांकि प्राचीन ग्रीक और रोमन्स इस अवधारणा में विश्वास नहीं करते थे।
मॉर्डन दौर में होमोसेक्शुएलिटी पिछले समय के मुकाबले कितनी अलग थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि होमोसेक्शुएल के लिए कोई लैटिन या ग्रीक शब्द ही नहीं था। हालांकि कुछ लोगों का मानना था कि ग्रीक शब्द ।Arsenokoites का मतलब, Gay होता है लेकिन ज्यादातर शोधकर्ताओं का मानना है कि ये शब्द सबसे पहले बाइबिल में इस्तेमाल हुआ था और इसकी संभावना बेहद कम है कि बाइबिल में इसे होमोसेक्शुएलिटी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता हो।
अजनबियों के साथ सेक्स का था रिवाज
Herodotus नाम के एक लेखक ने Assyrians और उनके अनूठे प्रोस्टिट्यूशन रिवाजो को लेकर काफी कुछ लिखा है। हालांकि लेखक अपने दावों को साबित नहीं कर पाए हैं लेकिन उन्होंने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं. इस लेखक के मुताबिक, प्राचीन Assyrian में सभी कुंवारी महिलाओं को अंजाने शखस के साथ शारीरिक संबंध बनाने जरूरी होते थे।
रिवाज के अनुसार, महिलाओं को । Aphrodite के मंदिर में अजनबी लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाना जरूरी था। Assyrian Empire में समाज के रसूखदार लड़कियों से लेकर निचले तबके की महिलाओं तक, सभी को इस कथित पवित्र प्रक्रिया से गुजरना पड़ता।
शिकारी, मादा मगरमच्छ के साथ बनाते थे संबंध
जानवरों के साथ शारीरिक संबंध बनाने की प्रक्रिया को Bestiality कहा जाता था, इटली में सातवीं शताब्दी ठब् में एक केव पेंटिंग को ठमेजपंसपजल के तौर पर माना जाता रहा है। प्राचीन समय में ठमेजपंसपजल इतना आम हो चुका था कि बाइबिल में भी इस चीज का उल्लेख किया गया। ये साफ तौर पर जाहिर था कि जो लोग पकड़े जाते, उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता।
एक युवक और बच्चे के बीच सेक्शुएल संबंध.
Pederasty यानि एक युवक और बच्चे के बीच सेक्शुएल संबंध, एक ऐसे समय में, जब यूनिवर्सिटीज और स्कूलों की अच्छी खासी किल्लत थी, Pederasty ही एक ऐसा तरीका था जिसके द्वारा बच्चों को शिकार जैसी कई जरूरी स्किल्स सिखाई जाती थीं. हालांकि, उस दौर में प्राचीन क्रेटंस के लिए ये शिक्षा न होकर रेप, किडनैपिंग और एक रोमांटिक रिश्ते में घुसने की तरकीबें होती थीं। कई लोग इन बच्चों के साथ मिलकर शिकार पर जाते, मछलियां पकड़ते और साथ ही शारीरिक संबंध भी बनाते।
प्राचीन मिस्त्र सोसाइटी के हिसाब से Ejaculation एक पवित्र प्रक्रिया मानी जाती थी। इन लोगों का मानना था कि ।Aum God के Mastubation के बाद से ही धरती का निर्माण शुरू हुआ था। मिस्त्र के लोग अपने Aum God में इतनी श्रद्धा रखते थे कि वे nile नदी के बहाव को भी इसी प्रक्रिया से जोड़ कर देखते थे।
प्राचीन मिस्त्र के लोगों का मानना था कि Pharaoh उनके भगवान का प्रतिनिधित्व करता है और भगवान द्वारा बनाए इस दुनिया में मेंबैलेंस की जिम्मेदारी भी उन्ही की होती थी। यही कारण था कि Pharaoh को हर साल एक बेहद अजीबोगरीब प्रथा के लिए बुलाया जाता, दुनिया में life giving force बनी रहे, इसके लिए हर साल एक सेरेमनी कराई जाती।