कार्तिक अष्टमी के अहोई का व्रत..

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आज अहोई अष्टमी है, कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन महिलाएं अहोई माता का व्रत रखती हैं। पुत्रवती महिलाओं के लिए यह व्रत महत्व रखता है। यह व्रत बड़े व्रतों में से एक है। इस व्रत के प्रभाव से संतान की आयु में व़ृद्धि, स्वास्थ्य और सुख की प्राप्त होती है। इस व्रत में मां पार्वती की पूजा की जाती है। माता पार्वती भी संतान की रक्षा करने वाली हैं।
इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत को करने के लिए कुछ नियम का पालन करे :
उपवास रखने वाली स्त्रियों को क्रोध न करे। दिन में ना सोएं।


सांयकाल में तारे दिखने के समय अहोई माता का पूजन किया जाता है। तारों को करवे से अर्घ्य दिया जाता है। माता को भोग लगाने के बाद संतान के हाथ से पानी पीकर व्रत तोडा जाता है। इस दिन से दीपावली का प्रारंभ माना जाता है। इस व्रत को उसी वार को किया जाता है, जिस वार को दीपावली हो। अहोई अष्‍टमी का दिन संतान की मनोकामना का दिन माना जाता है।

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