ओमकारेश्वर मंदिर पहुंची केदारनाथ की डोली, शीतकालीन में छह माह तक यंहा होगी बाबा केदार की पूजा-अर्चना

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भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट शनिवार को भैया दूज के मौके पर शुभ लग्नानुसार सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर बंद कर दिए गए।  भगवान केदारनाथ की उत्सव डोली दो पड़ावों में विश्राम करने के बाद अपने पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गई। अब आने वाले शीतकाल के छह माह तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होगी।

केदार बाबा के कपाट बंद होते ही भगवान की उत्सव डोली केदारनाथ धाम से रवाना होकर अपने प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हुई। रामपुर में रात्रि विश्राम के बाद 22 अक्टूबर को बाबा केदार की उत्सव डोली फाटा, नारायणकोटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पंहुची।
23 अक्टूबर को केदारनाथ की उत्सव डोली विश्वनाथ मंदिर से प्रस्थान कर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गई। जिसके बाद गर्भगृह में विराजमान होने के बाद शीतकाल के छह माह तक यहीं पर भक्त दर्शन करेंगे। छह माह तक यहीं पर नित्य पूजाएं भी संपन्न होगी।

फिर केदारनाथ के रावल ने बाबा की भोग मूर्ति को डोली से उतारकर शीतकालीन गद्दी स्थल में विराजमान किया। केदारनाथ से ऊखीमठ तक डोली की अगुआई 6-कुमांऊ रेजीमेंट की बैंड धुनों ने की।

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