खुद को आंदोलनकारी साबित करने की लड़ रहे हैं लंबी लड़ाई!

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सितारगंज: सितारगंज तहसील परिसर में राज्य आंदोलनकारी धरने पर बैठे है, उनका आरोप है कि उत्तराखण्ड बनने के इतने वर्ष बाद भी उन्हें राज्य आन्दोलनकारी होने का दर्जा नहीं मिला , न्याय न मिलने से नाराज़ आन्दोलनकारी तहसील में दो दिनों से धरना प्रदर्शन जारी है ! मांगे ना मानी गयी तो धरना प्रदर्शन रहेगा जारी ! सितारगंज 17 साल से इन्तिज़ार करती आँखों में आज भी उत्तराखण्ड राज्य के लिए लड़ी गयी लड़ाई की तस्वीरें और उनका दर्द नज़र आता है!

इतनी लंबी लड़ाई लड़कर उत्तराखंड तो बन गया लेकिन अपने आप को आन्दोलनकारी दर्ज कराने की लड़ाई का जज्बा बूढी हो चुकी इन आँखों में अब टूटता दिख रहा है ! जिम्मेदार कौन है सरकार या चिन्हीकरंण करने वाले अधिकारी यह तो पता नहीं पर 9 नवम्बर को आने वाले राज्य स्थापना दिवस पर अगर तस्वीर इसी तरह की दिखाई दी तो यह संदेश उत्तराखण्ड के लिए अच्छा नहीं होगा ! उत्तराखण्ड को पहचान देने वाले धरने पर और राज्य स्थापना दिवस की खुशियाँ मानता दिखाई देगा !

सितारगंज तहसील में आज दुसरे दिन भी धरने पर बैठने वाले आन्दोलनकारियों का कहना है कि उन्होंने उत्तराखण्ड बनाने में सहियोग दिया लड़ाई का हिस्सा बने लेकिन सरकार द्वारा आज तक उन्हें राज्य आन्दोलनकारी का दर्जा नहीं दिया गया पूर्व में भी कई बार अपनी इसी मांग को लेकर प्रदर्शन किये लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ !

 

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