वैसे तो पहाड़ो की रानी मसूरी को कुदरत ने कई अनमोल रत्न बख्से है, इन्ही में से एक है विंटर लाइन। यानि सूर्यास्त के समय खूबसूरत नजारा। कहा जाता है विंटर लाइन का नजारा मसूरी के आलावा सिर्फ स्विजरलैंड में ही देखा जा सकता है। मसूरी से देहरादून शहर के आसमान में एक लंबी पीली लाइन यानी विंटर लाइन देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। ऑफ सीजन और खासकर अक्तूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर तक अधिकांश लोग विंटर लाइन के दीदार करने मसूरी की ओर रुख करते हैं।
स्विट्जरलैंड और मसूरी में ऐसा नजारा
बता दें कि दुनिया में विंटर लाइन का नजारा सिर्फ दो जगह से ही देखा जा सकता है। एक स्विट्जरलैंड और दूसरा मसूरी में। अक्तूबर महीने के दूसरे सप्ताह से लेकर नवंबर आखिर तक मसूरी मालरोड से यह नजारा दिखाई देता है। स्विट्जरलैंड और मसूरी की विंटर लाइन दुनिया में मशहूर है। वुडस्टॉक में आयोजित राइटर्स फेस्टिवल में विंटर लाइन फाउंडेशन का अहम योगदान रहता है।
वायुमंडल में नमी
सूर्यदेव के छिपने के बाद दून के आसमान में ऋषिकेश से लेकर पांवटा साहिब तक एक पीली लाइन बन जाती है। यही विंटर लाइन है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि ठंड के मौसम में यानी विंटर सीजन में वायुमंडल में नमी आ जाती है और मैदानी क्षेत्रों की धूल एक सीमित ऊंचाई के बाद रुक जाती है। इससे एक समानांतर रेखा विंटर लाइन के तौर पर उभर जाती है।
वायुमंडल में नमी
सूर्यदेव के छिपने के बाद दून के आसमान में ऋषिकेश से लेकर पांवटा साहिब तक एक पीली लाइन बन जाती है। यही विंटर लाइन है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि ठंड के मौसम में यानी विंटर सीजन में वायुमंडल में नमी आ जाती है और मैदानी क्षेत्रों की धूल एक सीमित ऊंचाई के बाद रुक जाती है। इससे एक समानांतर रेखा विंटर लाइन के तौर पर उभर जाती है।