गैरसैंण में शीतकालीन सत्र शुरू होते में विपक्ष के तेवरों ने साफ कर दिया है कि आगे भी सदन की कार्यवाही हंगामेदार रहने वाली है। हर मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करते विपक्ष ने राजधानी गैरसैंण से लेकर लोकायुक्त और नगर निकयों के विस्तार से लेकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली में डीबीटी योजना लागू करने पर सवाल उठाया।
नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हृदयेश ने नगर निकायों के सीमा विस्तार के मसले को उठाते हुए नियम 310 के तहत की चर्चा की मांग की, तो वंही निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने भी 310 के तहत गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग की है, राज्य मंत्री रेखा आर्य के पति से जुड़ा किडनी कांड को नियम 58 के तहत विपक्ष के विधायकों ने की चर्चा की मांग की, जिसको विधानसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार किया।
सदन में विपक्ष का हंगामा
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब तक सरकार विपक्ष के हर सवाल से बचने की कोशिश कर रही है। नगर निकायों के विस्तार का मसला हो या लोकायुक्त का सवाल या फिर राज्य की राजधानी का मसला, हर सवाल पर सरकार मौन है।
वहीं इंदिरा ने गैरसैंण में सत्र के आयोजन पर भी कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि सर्द मौसम में बिना तैयारियों के सरकार ने शीतकालीन सत्र का आयोजन किया। जिससे अधिकारी, कर्मचारी, मीडिया कर्मी सभी परेशान है। न यहां विधायकों के रहने का सही इंतजाम किया गया है और न खाने का। वहीं इंदिरा हृदयेश ने राज्य सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में डी बी टी लागू करने पर भी सवाल उठाया।
सरकार का पलटवार
जबकि शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने नेता प्रतिपक्ष के सवालों पर पलटवार किया। कौशिक ने कहा लोकायुक्त बिल इसी सत्र में आएगा। राज्य की राजधानी को लेकर सरकार संजीदा है। विपक्ष के उठाए नगर निकाय सीमा विस्तार और गैरसैंण स्थाई राजधानी की चर्चा अब नियम 58 के तहत होगी हालांकि विपक्ष ने दोनों सवालों की चर्चा 310 के तहत कराने की मांग की थी।
समझदार को इशारा काफी : सीएम
गैरसैंण में राजधानी के मसले पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राजधानी पर भाजपा सरकार की नीति स्पष्ट है, समझदार के लिए इशारा काफी है। माना जा रहा है कि सरकार गैरसैंण को लेकर आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट कर सकती है।