चाहते हैं अपनी बालों की समस्या से निजात, आजमाएं ये 3 प्राचीन आयुर्वेदिक तरीके-

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आज की बिजी होती लाइफ के अलावा प्रदूषित जल, संतुलित पोषक आहार की कमी के कारण भी बालों का गिरना, रूखा होना, गंजापन आदि एक सामान्य समस्या बन गई है। इनसे छुटकारा पाना आपके लिए एक असंभव सी चुनौती होती है। महिला हो या पुरुष, सिर पर बालों का होना उनकी खूबसूरती और प्रभावशाली व्यक्तित्व का हिस्सा रहा है।
आपके बालों को खूबसूरत बनाने का दावा करने वाले तमाम तरह के शैंपू, तेल, कंडीशनर आदि मार्केट में आसानी और धड़ल्ले से उपलब्ध हैं, लेकिन बालों की समस्याएं दूर करने में ये उतने कारगर नहीं होते जितना आपको उम्मीद होती है साथ ही इन कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के बहुत साइड इफेक्ट्स भी होते हैं।

आज हम आपको तीन ऐसे प्रभावी हेयर ट्रीटमेंट पैक बतायेंगे जो गंजापन समेत बालों की हर प्रकार की समस्या को दूर कर सकते हैं। अपनी सुविधा और पसंद के अनुसार आप कोई भी एक उपाय सप्ताह में एक दिन करें या एक-एक दिन के अंतर पर ये तीनों ही उपाय आजमा सकते हैं।

1. केला पैक
केला ना सिर्फ एक पोषक आहार है बल्कि त्वचा और बालों को नमी देने का यह एक प्राकृतिक स्रोत भी है। इसके लिए आप 1 केला लें और अच्छी तरह मैश कर पेस्ट बना लें। अब इसमें 2 चम्मच नारियल तेल और थोड़ी मात्रा में कपूर मिलाएं। आप चाहें तो कपूर नहीं भी मिला सकते हैं। यह बालों की खुश्की और डैंड्रफ दूर करने के लिए होता है। इसलिए अगर आपको यह परेशानी ना हो, तो इसे ना मिलाएं। बालों को कंघी से अच्छी तरह सुलझाएं और इस पेस्ट को लगा लें। 15 से 20 मिनट इसे लगा रहने दें और फिर सादे पानी से बाल धो लें।

2. अंडा-दही पैक
अंडा एक नैचुरल कंडीशनर होता है और दही बालों बालों को नमी देने के साथ ही जड़ों से संबंधित सामान्य समस्याएं जैसे खुजली आदि भी दूर करता है। एक अंडे में 2 चम्मच दही मिलाएं और 20 मिनट रखकर धो लें।

3. मुल्तानी मिट्टी पैक
बालों को स्वस्थ रखने के लिए यह बहुत प्राचीन काल से प्रयोग किया जाता रहा है। आजकल मुल्तानी मिट्टी का पाउडर मार्केट में अधिक प्रचलित हो रहा है लेकिन ध्यान रखें कि इसकी बजाय जितना संभव हो इसके साबुत रूप में लाये और इसका पैक बना कर अपने बालों में लगाये, फिर गुनगुने या सादे पानी से धो लें ।

सावधानी
इन सभी हेयर पैक को आप हर प्रकार के बालों में इस्तेमाल कर सकते हैं, साथ ही महिला-पुरुष दोनों के लिए ही यह समान रूप से हितकारी है। बस इतना ध्यान रखें कि ये नेचर में ठंडे होते हैं, इसलिए बारिश के मौसम में या बहुत अधिक सर्दियों में इनका बहुत अधिक प्रयोग करने से बचें।

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