कुलदीप राणा, रुद्रप्रयाग: ई-टेंडरिंग व्यवस्था के खिलाफ एक बार फिर ठेकेदार एकजुट हो गए हैं और सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे है। उत्तराखण्ड राजकीय ठेकेदार महासंघ के अधिवेशन में रुद्रप्रयाग, टिहरी, चमोली, पौड़ी समेत विभिन्न जनपदों के ठेकेदारों ने एकत्रित होकर ईं-टेंडरिंग को समाप्त किए जाने पर रणनीति बनाई।
ठेकेदारों ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ईं टेन्डरिंग का बीज बोया तथा वर्तमान भाजपा सरकार ने इसे अमलीजामा पहनाते हुए स्थानीय ठेकेदारों को बेरोजगार कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर इस पर शीघ्र रोक नहीं लगाई गई तो आंदोलन को उग्र कर दिया जायेगा और संबंधित निर्माण विभागों पर तालाबंदी कर दी जायेगी।
2 ठेकेदारों के अधिवेशन में आये विभिन्न जनपदों के ठेकेदारों ने एक स्वर में कहा कि पूरे प्रदेश में अब इस आंदोलन को उग्र किया जायेगा और जब तक सरकार पुरानी व्यवस्था लागू नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
ज्ञात हो कि लंबे समय से ठेकेदार ई-टेंडरिंग के खिलाफ आंदोलनरत हैं किन्तु सरकार की तरफ से कोई भी सकारात्मक कार्यवाही ठेकेदारों के हित में नहीं की जा रही है। अधिवेशन में ठेकेदारों ने कहा कि एक तरफ सरकार पलायन रोकने के लिए पलायन आयोग का गठन करती है वहीं दूसरी तरफ यहां के लोगों का रोजगार छिनकर पलायन करने के लिए विवश करती है। इस प्रकार सरकारी की दोहरी नीति के खिलाफ अब चुप नहीं बैठा जायेगा। पूरे प्रदेश में ठेकेदार आर-पार की लड़ाई लड़ेगे।