साल 2018 का पहला चन्द्रग्रहण 31 जनवरी : करें ये ख़ास उपाय, चमक जायेगी किस्मत

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साल 2018 में दो चंद्र ग्रहण घटित होंगे. इनमें पहला चंद्र ग्रहण 31 जनवरी 2018 को दिखाई देगा जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण 27-28 जुलाई 2018 में होगा। ये दोनों पूर्ण चंद्र ग्रहण होंगे और भारत सहित अन्य देशों में दिखाई देंगे।31 जनवरी को वर्ष 2018 का पहला ग्रहण होगा। यह खग्रास चन्द्रग्रहण होगा। इसकी शुरुआत 31 जनवरी को दोपहर 04.21 से होगी और समापन रात्रि 09.38 पर होगा। इसका मध्यकाल सायं 06.59 पर होगा। भारत में यह ग्रहण सायं 06.21 से 09.38 तक देखा जा सकेगा।

शहरों का स्थान और चन्द्रोदय
नीचे कुछ मुख्य शहरों का चन्द्रोदय दिया जा रहा है उसके अनुसार अपने-अपने शहरों का ग्रहण के पुण्यकाल का जानकर अवश्य लाभ लें ।
इलाहाबाद (शाम 5.40), अमृतसर (शाम 5.58), बैंगलुरू (शाम 6.16), भोपाल (शाम 6.02), चंडीगढ़ (शाम 5.52), चेन्नई (शाम 6.04), कटक (शाम 5.32), देहरादून (शाम 5.47), दिल्ली (शाम 5.54), गया (शाम 5.27), हरिद्वार (शाम 5.48), जालंधर (शाम 5.56), कोलकत्ता (शाम 5.17), लखनऊ (शाम 5.41), मुजफ्फरपुर (शाम 5.23), नागपुर (शाम 5.58), नासिक (शाम 6.22), पटना (शाम 5.26), पुणे (शाम 6.23), राँची (शाम 5.28), उदयपुर (शाम 6.15), उज्जैन (शाम 6.09), वड़ोदरा (शाम 6.21), कानपुर (शाम 5.44)
(इन दिये गये स्थानों के अतिरिक्तवाले अधिकांश स्थानों में पुण्यकाल का समय लगभग शाम 5.17 से रात्रि 8.42 के बीच समझें ।)

ग्रहण के समय पालनीय
(1) ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते । जबकि पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए ।
(2) सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना । यदि गंगा-जल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना फलदायी होता है ।
(3) ग्रहण-काल जप, दीक्षा, मंत्र-साधना (विभिन्न देवों के निमित्त) के लिए उत्तम काल है ।
(4) ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है।

31 जनवरी को सम्पूर्ण भारत में चंद्रग्रहण के दौरान सभी मंदिर सुबह 7-30 सूतक लगने के कारण बन्द हो जायेगे और पूरे दिन बन्द ही रहेगे l
चन्द ग्रहण के कारण आप भी ध्यान रखे, जिनके घर में मंदिर में कोई भी भगवान् विराजमान हैं वो अपने मन्दिर के उस दिन पट बंद ही रखे…

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