क्या आप जानते हैं, यहाँ खेली जाती है आटे की होली, खबर पढ़े!

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क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक ऐसी जगह भी है जहाँ लोग रंगो, गुलालों और फूलों की नहीं बल्कि आटे की होली खेलते हैं. यहाँ हर साल चार दिवसीय लोसर पर्व का आयोजन किया जाता है जिसमे रिंगाली देवी की पूजा-अर्चना की जाती है. समापन समारोह में जाड भोटिया समुदाय के लोग अपने पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचते हैं और   देव डोलियों संग लोकनृत्य करते हुए नव वर्ष का स्वागत करते हैं। अंत में अपने घरों पर पाली भाषा में लिखे मंत्रों की झंडियां लगाकर पूरे वर्ष सुख-समृद्धि की कामना करते.

फाल्गुन शुक्ल प्रतिपदा से बौद्ध पंचांग के अनुसार जाड भोटिया समुदाय के लोगों का नव वर्ष शुरू होता है. उत्तरकाशी जिले के डुंडा बीरपुर और पुरोला ब्लाक के अगोडा गांव में निवास कर रहे जाड भोटिया समुदाय के लोग सदियों से इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते आ रहे हैं. नव वर्ष की पूर्व रात्रि को दीपावली एवं 16 तारीख को दशहरा मनाने के बाद आटे की होली के साथ पर्व का समापन किया  जाता है. अपने पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों में सजी महिलाए देव डोलियों के साथ रासौं तांदी नृत्य करती हैं . इस महोत्सव में घरों में धार्मिक अनुष्ठान एवं मेहमानों के स्वागत सत्कार का सिलसिला लगा रहता है. साथ ही ढोल दमाऊ के साथ पारंपरिक बाध्य यंत्रों के साथ पारंपरिक वेशभूषा एवं गहनों से सज-धज कर नृत्य किया जाता है.

 

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