चमोली के सीमान्त गांव घेस और हिमनी के बच्चों के चेहरे उस वक्त खुशी से खिल उठे जब उन्होंने अपनी कक्षाओं में प्रोजेक्टर स्क्रीन पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को खुद से बात करते हुए देखा। घेस और हिमनी में इन्टरनेट पहुंचने के बाद कुछ ही दिन के भीतर मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने मुख्यमंत्री आवास से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चमोली के राजकीय इन्टर काॅलेज घेस और जूनियर हाई स्कूल हिमनी के बच्चों से बात की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बच्चों से उनके गांव की समस्याओं के बारे में पूछा।
एक बच्चे ने बताया कि बिजली न होने के कारण वे घर पर अपना होम वर्क नही कर पाते हैं। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन महीने के भीतर इस सीमान्त गांव में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिये ऊर्जा विभााग को निर्देश भी दिये। उल्लेखनीय है कि 2013 की आपदा में इस गांव में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई थी।
बच्चों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे इन्टरनेट की खुबियों और इसके सकारात्मक उपयोग पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वे इसकी सहायता से अपने गांव में किसानों की मदद कर सकते है।
कहा जाता है कि घेस गांव के आगे देश ही नही है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर यहां इन्टरनेट कनेक्शन पहुंच गया है। एक सप्ताह पूर्व मुख्यमंत्री ने आईटी विभाग की समीक्षा बैठक में घेस गांव को आईटी इनेबल्ड(सक्षम) गांव बनाने के निर्देश दिये थे। जिसके क्रम में गांव में इन्टरनेट पहुंचाया गया। इन्टरनेट पहुंचने के साथ ही गांव में काॅमन सर्विस सेन्टर भी खुल गया है। इन्टरनेट माध्यम से ग्रामीण विभिन्न क्षेत्रों में सूचना प्रोद्यौगिकी की मदद से अपना जीवन स्तर सुधार सकते है। वीडियों कांफ्रेंसिंग में काॅमन सर्विस सेन्टर के संचालक द्वारा बताया गया कि चार ग्रामीणों ने ई-मेडिसन सेवा के तहत सीधे दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डाॅक्टरों से बात कर चिकित्सकीय परामर्श लिया है।