प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री में अरविन्द पाण्डे ने बताया कि उत्तराखण्ड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश के समस्त राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक अब पूर्व की भांति निःशुल्क पुस्तकें वितरित नही की जायेंगी बल्कि इन पुस्तकों को क्रय करने के लिए धनराशि छा़त्र छात्राओं के बैंक खातों में स्थानान्तरित (डी बी टी – डाइरैक्ट बैनिफिट ट्रासफर) की जायेगी । इस धनराशि से छात्र छात्राए बाजार से एन सी ई आर टी की पुस्तके क्रय करेंगे। एन सी ई आर टी की पुस्तकें पर्याप्त संख्या में बाजार में उपलब्ध हैं । डी बी टी का लाभ यह है कि बच्चों को समय पर किताबें उपलब्ध हो जायेंगी तथा किताबों को विद्यालय तक पहुचाने में व्यय होने वाले धन की बचत होगी साथ ही पुस्तकों को विद्यालयों तक पहुंचाने में अध्यापकों का जो समय नष्ट होता था उस समय को भी वे छात्र हित में उपयोग कर पायेंगे । साथ ही आवश्यकता से अधिक संख्या में छपने वाली किताबों में होने वाली धन की बर्बादी पर भी रोक लगेगी । प्रदेश के शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय जी के अनुसार अब सरकारी विद्यालयों में अघ्ययनरत अथवा नव सत्र में प्रवेश लेने वाले सभी छात्र छात्राओं को अनिवार्य रूप से अपने बैकं एकाउन्ट खोलने होंगें साथ ही हर बच्चे का आधार कार्ड भी अनिवार्य होगा । इससे एक अन्य लाभ यह होगा कि सरकारी विद्यालयों में अघ्ययनरत बच्चों के सही आंकड़े भी उपलब्ध हो पायेंगे जिससे छात्रवृत्ति, मघ्यान्ह भोजन आदि योजनाओं में फर्जी छात्र संख्या दर्शाकर होने वाले किसी भी फर्जीवाड़े की सम्भावना नही रहेगी ।