इस तरह संक्रमण से पीड़ित लोगों को यूरीन बार-बार जाना पड़ता है लेकिन यूरीन की मात्रा बेहद कम होती है। आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन इन लोगों को दिन में 60 बार तक यूरीन जाना पड़ता है। रक्त में फैले विषैले पदार्थों और अवशेषों को फिल्टर ना कर पाने की वजह से किडनी में समस्या उत्पन्न होने लगती है, जो आगे चलकर किडनी फेलियर तक पहुंच सकती है।
किडनी फेल हो जाने की वजह से बॉडी में विषैले पदार्थ घुलने लगते हैं और वे यूरीन के साथ भी बाहर नहीं निकल पाते।इस वजह से ब्लड की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ने लगती है। ऐसे में भूख का कम लगना, उल्टी आना आदि कुछ इसी बीमारी के लक्षण हैं।