हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर महीने में दो बार चतुर्थी तिथि आती है एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। जो पार्वती पुत्र भगवान् गणेश को समर्पित है। जिनमे से शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है जबकि कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है।
संकष्टी चतुर्थी अमावस्या के बाद आती है जबकि विनायक चतुर्थी पूर्णिमा के बाद आती है। हिन्दू धर्म में श्री गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। मान्यता है किसी भी शुभ कार्य या पूजा पाठ का आरंभ करने से पूर्व सर्वप्रथम भगवान् श्री गणेश का पूजन किया जाता है, क्योंकि उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है बहुत से लोग इसे वरद चतुर्थी भी कहते है। जिसका अर्थ होता है ‘भगवान् से किसी भी इच्छा को पूरा करने के लिय प्रार्थना करना’। माना जाता है इस दिन पूरी श्रद्धा और विधि के साथ उपवास रखने से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है। विनायक चतुर्थी व्रत का पूजन दिन के मध्य में यानी दोपहर के समय किया जाता है।