शैली देहरादून- सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को अब मिशन लक्ष्य् के तहत विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। अभी इस योजना में उत्तराखंड के पांच जिलों के 10 चिकित्सालय चिह्नित किए गए हैं। जहां पर डिलिवरी संबंधित सुविधाओं कों और बढ़ाया जा रहा है। इसमें दो मेडिकल कॉलेज भी शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से प्रसव के दौरान मां एवं शिशु देखभाल को बेहतर बनाने, प्रसव एवं ऑपरेशन थियेटर से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए संभागीय प्रशिक्षण केंद्र में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई।
अस्पतालों में प्रसव के दौरान गर्भवती महिला को अच्छी और बेहतर सुविधाएं देना ही इस मिशन का लक्ष्य है। मिशन निदेशक युगल किशोर पंत ने कहा कि सम्मानजनक मातृत्व देखभाल पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, तभी मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए हमें गुणवत्ता में सुधार लाना होगा। ताकि प्रसव के समय आने वाली महिला और उनके तीमारदार अस्पताल से जाते समय मुस्कराते हुए जाएं। एनएचएम निदेशक डॉ अंजलि नौटियाल ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 में क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था। जबकि 11 दिसंबर 2017 को लक्ष्य कार्यक्रम की शुरुआत की गई। केंद्र सरकार ने अस्पतालों के लिए क्वालिटी के मानक तय किए हैं। जिनके आधार पर चिकित्सालयों का आकलन भी किया जाने लगा है। अच्छे अंकों के आधार पर चिकित्सालयों को पुरस्कृत भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कार्यशाला में विभिन्न तकनीकी पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान विभिन्न जनपदों के चिकित्सक, स्टाफ नर्स, क्वालिटी मैनेजर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय के अधिकारी उपस्थित थे।