अपना ही आदेश पड़ रहा है भारी…..

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देहरादून {शैली श्रीवास्तव}- उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनने के बाद सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती जनता दरबार दिखाई दें रही है जिस तरह से भाजपा मुख्यालय में मंत्री के दरबार में जहर प्रकरण हुआ और उसके बाद मुख्यमंत्री के दरबार में महिला शिक्षिका उत्तरा पंत प्रकरण उसके बाद से यही माना जा रहा था, कि सरकार के लिए जनता दरबार गले की हड्डी बन चुका है जिसे सरकार ना तो निकल पा रही है और ना ही उगल पा रही है आपकों बता दें कि 27 अगस्त 2017 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जन समस्याओं के तत्काल निराकरण के लिए प्रदेश के समस्त मंत्रीगणों का भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर जनता दरबार कार्यक्रम लगाने का आदेश जारी किया था इनमें सोमवार को कृषि मंत्री सुबोध उनियाल मंगलवार को वन मंत्री हरक सिंह रावत बुधवार को वित्त मंत्री प्रकाश पंत बृहस्पतिवार को परिवहन मंत्री यशपाल आर्य शुक्रवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और शनिवार को उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत का नाम शामिल किया गया था। शुरुआती दौर में मंत्रीगण निरंतर जनता दरबार लगाते हुए दिखाई दिए, लेकिन भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दून दौरे के बाद से जो स्थिति गड़बड़ाई वह पटरी पर नहीं लौट पाई। इस बीच आर्थिक तंगी से परेशान प्रकाश पांडे के जहर खाकर आत्महत्या करने के कारण मंत्रीगणों के दरबार का क्रम टूट गया। लेकिन, ऐसी परिस्थितियों के बीच कृषि मंत्री ने फिर हिम्मत दिखाते हुए आज भाजपा प्रदेश मुख्यालय में जनता दरबार लगाया और जनता की फरियाद भी सुनी।

 

 

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