अधिकारी हों तो ऐसा…. नगर आयुक्त डॉ. ललित नारायण मिश्रा ने किया गंगा घाटों की सफाई का शुभारंभ


हरिद्वार। सेवा कार्य काफी कठिन होता है। दिखावा तो राजनीति में और नौकरशाही में आम बात है लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जो अपनी कर्मठता की छाप लोगों के दिल दिमाग पर छोड़ देते हैं। गंदगी जिससे सब दूर भागते हैं, को साफ करने के लिए बड़ा दिल चाहिए। यही सबकुछ कर दिखाया है हरिद्वार के नगर निगम आयुक्त एवं अपर जिलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्रा ने।

हरिद्वार में कांवड़ मेला बीत जाने के बाद घाटों समेत यत्र तत्र सर्वत्र गंदगी का साम्राज्य व्याप्त था। सफाई कर्मचारी अपने हिसाब से काम तो कर रहे थे लेकिन उन्हें भी प्रेरणा की जरूरत थी। उन्हें प्रेरणा देने के लिए अपर जिलाधिकारी डॉ. ललित नारायण से ने किसी और का मुंह ताकना उचित नहीं समझा, स्वयं आगे आये और गंदगी से सड़ती तीर्थ नगरी को देखते हुए डॉ. ललित नारायण मिश्रा ने स्वयं सफाई की कमान सभाल ली। डॉ. मिश्र ने लोगों को प्रेरित करते हुए स्वयं कर्मचारियों के साथ लगकर माँ गंगा के स्नान घाटों की सफाई की तथा सहयोगियों से सफाई कराई। उनके साथ नगर निगम के सभी अधिकारीयों ने भी माँ गंगा के घाटों की सफाई में हाथ बंटाया।

डॉ. मिश्र ने न केवल उनके साथ लगकर सफाई की और सभी का हौसला भी बढ़ाया वरन् कर्मचारियों के साथ सफाई अभियान में खड़े होकर सफाई का निरीक्षण भी किया। जहां कमी रह जाती थी वहां दुबारा से सफाई कराते नजर आये। पूरी तीर्थ नगरी इस समय गन्दी पड़ी है उन्होंने सभी समाजिक सस्था, व्यापारी, तीर्थ नगर वासियों से अनुरोध किया है कि सभी सामाजिक कार्य मैं आगे आयें और इस अपनी तीर्थ नगरी को स्वच्छ करने मैं नगर निगम का सहयोग दें जो जहा सेवा कर सकता है वो वहां अपना सहयोग प्रदान करें।


डॉ. मिश्र के इस सेवा भावी संकलप को प्रणाम। ऐसा अधिकारी यदि स्वयं ही हाथ बंटायेगा तो कर्मचारियों को निश्चित रूप से अच्छी प्रेरणा मिलेगा और गंगा तथा गंगा के घाट साफ-सुथरे रहेंगे। ऐसे अधिकारी भूरि-भूरि बधाई।

 

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