देहरादून । एक बार फिर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट उत्तराखंड भाजपा के चुनावी तारणहार होंगे। इसे संयोग कहेंगे कि अजय भट्ट के कार्यकाल में भाजपा ने अब तक कोई चुनाव नहीं हारा है। वैसे भी लोकसभा चुनाव नजदीक है। ऐसे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कार्यकाल बढ़ाया जाना समय की मांग होगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कार्यकाल 2018 के अन्त तक है। इसी बीच 2019 का चुनाव आ रहा है। चुनाव से पहले नया अध्यक्ष लाया जाना पार्टी में तालमेल बिठा पाएगा या नहीं इसको लेकर अब अजय भट्ट का कार्यकाल बढ़ाए जाने की चर्चाएं जोरों पर है। लोगों का मानना है कि लोकसभा चुनाव से ऐन पहले यदि भाजपा द्वारा प्रदेश अध्यक्ष बदला जाता है तो इसका चुनाव पर असर पड सकता है। प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है जो इसी साल खत्म हो रहा है। उनके कार्यकाल को बढ़ाने के लिए आगामी 13 सितम्बर को दून में होने वाली कार्यकारिणी बैठक में इस आशय का प्रस्ताव लाए जाने की उम्मीद है।
राजनीति के जानकार मानते हैं कि भाजपा भले ही विधानसभा चुनाव में बम्पर जीत के साथ सत्ता में पहुंची हो लेकिन आंतरिक मतभेद भी कम नहीं हैं। इसी का परिणाम है कि अब तक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत न तो खाली पडे दो कैबिनेट पदों को भर सके हैं और न ही अपने कार्यकर्ताओं को दायित्वों का बंटवारा कर सके हैं। यदि भाजपा ऐसे में किसी नये व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाती है तो मतभेद उभरना सहज है। वैसे भी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट अमित शाह और केंद्रीय नेतृत्व की पहली पसंद हैं। आगामी समय में निकाय चुनाव भी होने वाले हैं तथा इसके बाद लोकसभा चुनाव भी नजदीक हैं। ऐसे में यही कयाश लगाये जा रहे हैं कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कार्यकाल बढ़ाकर उन्हें पद पर बनाये रखेगी।