हल्द्वानी – सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला इन दिनों काफी सुर्खियों में है। इस काॅलेज में रैगिंग करने के एक से बढ़कर एक तरीके सामने आ रहे हैं, जिसे आप जानकर हैरान हो जांएगे। रैगिंग करने वाले सीनियर पकड़ में न आए, इसलिए वे खिड़की की ओट से जूनियरों को मुर्गा बनने के आदेश देते थे। यह बात सामने आई है रैगिंग मामले की जांच कर रही एंटी रैगिंग कमेटी के सामने। सिटी मजिस्ट्रेट और एसपी सिटी ने एमबीबीएस प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं की काउंसिलिंग की। सिटी मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय और एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने मंगलवार को रैगिंग के मामले की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान पूछताछ में कुछ छात्रों ने बताया था कि वरिष्ठ खिड़की के बाहर से मुर्गा बनने का आदेश देते हैं। दोनों अधिकारियों ने एमबीबीएस प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र–छात्राओं से कहा कि उत्पीड़न होने पर तत्काल जानकारी दें। जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। दोनों अधिकारियों ने अपने मोबाइल नंबर देने के साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का भी नंबर दिया। कहा कि यूजीसी में शिकायत करने वाला पीड़ित चाहे तो फोन कर आपबीती बता सकता है और उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि अभी मामले की जांच चल रही है, दो-तीन दिन बाद एक बार फिर एक-एक छात्र-छात्रा को बुलाकर बात की जाएगी।