उत्तराखंड़- उत्तराखंड़ के पिथौरागढ़ जिले में बॉर्डर इलाके में सैकड़ों ग्रामीण खुद को जिंदा रखने के लिए चीन के सामान पर निर्भर हैं। भारत में कई गांव के लोग चीन का राशन खा रहे हैं। चीन और नेपाल सीमा से सटे करीब दर्जन भर गांव जिनमें करीब 400 परिवार हैं, बीते 6 महीने से भारत से कटे हैं, यही वजह है कि इन गांवों के लोग नेपाल जाकर अपनी जरूरत का सामान ला रहे हैं
उत्तराखंड में तिब्बत सीमा से सटे करीब छह गांवों में लोग चीन का राशन, रिफाइंड, सब्जियां, मसाले और नमक खा रहे हैं। ये वस्तुएं चीन के जरिये नेपाल के छांगरु तिंकर के रास्ते भारत पहुंच रही हैं। नजंग के आगे रास्ता बंद होने की वजह से सीमांत के इन गांवों में भारत से जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है। उत्तराखंड के धारचूला के ऊंचे इलाकों में रहने वाले लोग अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर बीते 6 माह से जी रहे हैं। चीन और नेपाल से सटे इन इलाकों का संपर्क लंबे समय से भारत से कटा हुआ है। आलम ये है कि नजंग से नीचे आने का कोई भी रास्ता ग्रामीणों के पास नहीं है। ऐसे में गुंजी, गर्ब्यांग, नांभी, रौंककौंग, कुटी और नपल्चु जैसे दर्जनों गांव के लोग खुद को जिंदा रखने के लिए चीन और नेपाल के राशन पर निर्भर हैं।