देहरादून- उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के बारे में कौन नहीं जानता। यूं तो उत्तराखंड में अभी तक बहुत सारे सांसद आए और गए, लेकिंन कम समय में अपनी उपस्थिति का दमखम अनिल बलूनी ने ही दिखाया है। जहां बलूनी ने काठगोदाम से देहरादून जनशताब्दी का तोहफा प्रदेश कों दिया। वहीं पलायन के संकट से जूझ रहे पौड़ी जनपद के गैर आबाद गांव बौर को अनिल बलूनी ने फिर आबाद करने की योजना शुरु की। उन्होंने बौर गांव को गोद लिया। जहां वह बिजली, पानी, सड़क और रोजगार प्रदान करने के लिए काम करेंगे। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का उत्तराखंड का विकास करने का प्रयास यही तक नहीं थामा।
सूबे की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए अनिल बलूनी ने रक्षा मंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात कर उत्तराखंड की आम जनता को सेना अस्पतालों मे स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ देने का बड़ा तोहफा दिया। उनकी यह मेहनत आज रंग लाई है। आज आईटीबीपी के चिकित्सकों ने राज्य की आम जनता की सेवा में अपने द्वार खोल दिये हैं। अब आईटीबीपी के चिकित्सकों द्वारा आम नागरिकों का उपचार प्रारम्भ कर दिया गया है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह हृदय से आभार भी प्रकट किया। साथ ही उम्मीद जताते हुए कहा कि अब जल्द सेना, अर्धसेना के केंद्रों मे भी जनता को सेवाएं मिलनी प्रारम्भ हो जायेंगी।यही वजह है कि उत्तराखंड के लिए उनके यह नेक काम, हर किसी के लिए प्रेरणादायक साबित हो रहे है। आपको बता दे कि उत्तराखंड बनने के बाद राज्य कोटे की सीट से जितने भी लोग अब तक राज्यसभा पहुंचे हैं, उनमें अनिल बलूनी सबसे कम उम्र के सांसद बने, लेकिंन जिस तरह अनिल बलूनी उत्तराखंड के विकास को आगे बढ़ा रहे है वह कही न कही पांचों सांसदों पर भारी पडते नजर आ रहे है। 46 साल के बलूनी आज उन नेताओं में शुमार किए जाते हैं, जिन्होंने बहुत ही कम वक्त में राजनीति में अपना अलग मुकाम बनाया है।