मौनी अमावस्या आज, गंगा स्नान और दान-पुण्य का आज विशेष महत्व…..

0
1236

हरिद्वार- मौनी अमावस्या पर आज तड़के से हरिद्वार के विभिन्न घाटों पर भक्त स्नान, दान और पूजन कर रहे हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। मौनी अमावस्या का उद्देश्य यही है कि इस दिन गंगा स्नान के साथ दिनभर मौन व्रत रखकर मन को संयमित रखकर ईश्वर को स्मरण करने से आंतरिक ऊर्जा बढ़ने के साथ ही पुण्य फल मिलता है। सनातन परंपरा में माघ को अत्यंत पवित्र मास कहा गया है। माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत बन जाता है। इसलिए इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार माघ मास में पूजन-अर्चन और गंगा स्नान करने से भगवान नारायण को प्राप्त किया जा सकता है। इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम रखने का विधान है। इसलिए इस दिन व्रती को मौन धारण करते हुए दिनभर मुनियों सा आचरण करना पड़ता है। ज्योतिष में सूर्य को आत्मा और चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। क्योंकि मन को चंद्रमा की तरह चंचल बताया गया है। मन को नियंत्रित करने के बाद ही साधना क्षेत्र में आगे बढ़ा जा सकता है। ऐसे में मन पर नियंत्रण रखने के लिए इस दिन मौन रखकर गंगा स्नान करने का विधान है। इससे शरीर की सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है। इस साल मौनी अमावस्या आज यानी 24 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त से पहले सुबह 2.17 बजे से शुरू होकर 25 जनवरी को सुबह 3.11 बजे पर समाप्त होगा। आचार्य सोहन का कहना है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर गंगा स्नान किया जाना चाहिए। शिव शक्ति ज्योतिष केंद्र के अध्यक्ष आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने बताया कि 24 जनवरी में विशेष योगों में शनि का राशि परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा कि माघ कृष्ण पक्ष मौनी अमावस्या को शनि, मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। यह योग 382 सालों के बाद बन रहा है। इससे पहले यह योग 26 जनवरी 1637 में बना था। जब मौनी अमावस्या में शनि ने परिवर्तन किया था। उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन मौन रहकर साधना की जा सकती है। मकर राशि, कुंभ राशि, धनु राशि साढ़े साती के प्रभाव में रहेंगे। मिथुन, तुला ढैय्या के प्रभाव में रहेंगे। शनि का पूजन करने से लाभ मिलेगा। शनि के प्रभाव से महंगाई बढ़ेगी और केंद्र सरकार को राहत मिलेगी। आनंद योग में मौनी अमावस्या का पर्व आज पड़ रहा है। इस दिन श्रद्धालु दिन भर मौन रहकर व्रत रखेंगे और ईश्वर की आराधना करेंगे। इस दिन तिल और गुड़ से बने पदार्थों का दान गुप्त दान के साथ करने से मनुष्य संसार के बंधनों से मुक्त हो जाता है। शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार माघ मास की अमावस्या पर अनेक देवी देवता, गंधर्व, यक्ष, किन्नर आदि पवित्र नदियों के तटों पर पुण्य स्नान करने आते हैं। इस दिन शनि और चंद्रमा भगवान सूर्य की राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसी दिन से शनि का प्रभाव अनेक राशियों पर प्रारंभ हो जाएगा। इस बार जब माघ के सूर्य मकर राशि में प्रविष्ट हुए तो उसी दिन से उत्तरायण भी प्रारंभ हो गया। मौनी अमावस्या का यह स्नान उत्तरायण का दूसरा बड़ा स्नान है। इस स्नान पर्व पर जहां प्रयाग में कुंभ के समान माघ मेला लगता है, वहीं देेश की तमाम पवित्र नदियों के तटों पर भी श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचते हैं। नासिक में गोदावरी और उज्जैन क्षिप्रा के तट पर बड़े मेले लगते हैं। हरिद्वार में मौनी अमावस्या पूरे दिन बनी रहेगी।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here