देहरादून- उत्तराखंड सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सोशल मीडिया में कई दिनों से चल रही चर्चाओं पर विराम लग गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर भगत ने उत्तराखंड में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहों को सिरे से नकारते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं हो रहा और इस प्रकार की अफवाहें गहरे षड्यन्त्र का परिणाम हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर भगत ने प्रदेश में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को पूर्ण विराम देते हुए स्पष्ट कहा कि प्रदेश में किसी प्रकार का नेतृत्व परिवर्तन नहीं हो रहा है और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व प्रदेश सरकार बहुत अच्छा कार्य कर रही है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की जो अफवाहें चल रही हैं वे पूरी तरह आधार हीन है और उनमें जरा भी सत्यता नहीं है। भगत ने कहा कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की जो अफवाहें चलाई गई वे एक गहरे षड्यंत्र का परिणाम है। षड्यन्त्रकारी नहीं चाहते कि प्रदेश में विकास हो और जीरो टालरेन्स की इस सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही कार्यवाही जारी रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो खुद गहरे संकट का शिकार है और अंदरूनी रूप से बिखरी हुई है उसके नेता भाजपा में राजनीतिक संकट की बातें कर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस उत्तराखंड में अपनी जमीन पूरी तरह से खो चुकी है। ऐसे में कांग्रेसी नेता जनता में अपनी जमीन ढूँढ रहे हैं। पर अपनी नकारात्मक सोच व कार्यों से कांग्रेस उत्तराखंड में भी जीरो होने जा रही है जबकि भाजपा 2022 के विधानसभा चुनाव में भी इतिहास बनाएगी और पिछले चुनाव से अधिक सीटों पर विजय प्राप्त करेगी। भगत ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार व संगठन मिलकर प्रदेश को विकास के मार्ग पर और तेजी से आगे के जाने के लिए कृतसंकल्प हैं और हमने जनता से जो वायदे किए हैं उन्हें पूरा करना अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश की जनता और कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे इन अफवाहों पर ध्यान न दें।
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस तरह की बेबुनियाद बातें तो उनके पद संभालने के कुछ महीने बाद से ही शुरू हो गई थी। उन्हें इस तरह की चर्चा से असर नहीं पड़ता, बल्कि वह इस पर ध्यान देने की बजाए अपने काम को तवज्जो देना पसंद करते हैं। बता दें कुछ दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के ट्वीट के बाद उत्तराखंड की राजनीति में बदलाव को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया था। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रदेश में फिर राजनैतिक अस्थिरता का वातावरण बनने के अंदेशा जताने के ट्वीट के बाद से सूबे की सियासी में लगातार हलचल रही। खासतौर पर सोशल मीडिया में जिस तरह मुख्यमंत्री के दिल्ली के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को नेतृत्व परिवर्तन से जोड़कर खबरें प्रचारित की गई, उससे सरकार और पार्टी संगठन खासा असहज दिखा।