ज्योतिषशास्त्र की भाषा में राहु को आकस्मिक परिणाम देने वाला ग्रह कहा गया है।आकस्मिक परिणाम के साथ-साथ राहु विभिन्न प्रकार के फल प्रदान करने वाला माना जाता है…. जिसमें नए विचार, नवीन दृष्टिकोण, कठोर परिश्रम, मुश्किलों से भरा जीवन, भाग्य में अचानक से परिवर्तन शामिल है। इसके अलावा राहु को अनुशासन देने वाला ग्रह भी माना जाता है।
कुंडली में राहु की स्थिति अनुकूल ना हो तो ये उपाय अवश्य करने चाहिए
- “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:”, यह राहु का मंत्र है… नियमित रूप से एक माला यानि कि 108 बार इसका जाप करने से लाभ मिलता है और राहु शांत होते हैं। 40 दिनों की अवधि में अगर आप इस मंत्र को 18000 बार जप लेते हैं इससे राहु शांत होते हैं और उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- गोमेद राहु का रत्न है… किसी अच्छे ज्योतिषशास्त्री की सलाह से अगर आप इसे धारण करते हैं तो यह आपको अनुकूल परिणाम अवश्य देगा। गोमेद रत्न धारण करने से पहले रत्न की शुद्धता की जांच अवश्य कर लें क्योंकि दोषपूर्ण धारण करने से फायदे की बजाय नुकसान झेलना पड़ सकता है। गोमेद स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों में लाभकारी साबित होता है।
- शनिवार का व्रत करना और साथ ही भैरव, शिव, चंडी की उपासना और कालभैरवष्टक का पाठ आपको लाभ प्रदान कर सकते हैं।
- गोमेद रत्न पहनना और गोमेद रत्न का दान करना विशेष रूप से फलदायी होता है, राहु की शांति के लिए आपको सोना, सीसा, तिल, सरसों का तेल, नीला कपड़ा, तलवार, कंबल, घोड़ा और सूप का दान करना चाहिए।