हेमकुंड साहिब के पैदल मार्ग की कठिनाइयों पर आस्था पड़ रही भारी।

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चमोली – 15200 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब के पैदल मार्ग की कठिनाइयों पर आस्था भारी पड़ रही है। तीर्थयात्री एक दूसरे का सहारा बनकर आगे बढ़ रहे हैं। अभी तक 52,504 यात्री हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुके हैं।

हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा इस बार 22 मई से शुरू हुई थी। पुलना से 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा करने के बाद हेमकुंड साहिब पहुंचा जा सकता है। अधिकांश तीर्थयात्री घोड़े-खच्चर के बजाय पैदल आवाजाही कर रहे हैं।

पंजाब के बलजीत सिंह और कल्पना ने बताया कि घांघरिया से आगे बेहद कठिन पैदल चढ़ाई है, लेकिन हेमकुंड साहिब पहुंचते ही थकान दूर हो गई। जालंधर निवासी मंजीत का कहना है कि वे दस सालों से हेमकुंड साहिब आ रहे हैं। वर्ष 2013 की आपदा के दौरान भी वे हेमकुंड साहिब में मत्था टेकने पहुंचे थे।
हेमकुंड साहिब के प्रमुख पड़ाव घांघरिया में खासी चहल-पहल है। तीर्थयात्री यहां रात्रि विश्राम कर सुबह हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू करते हैं। गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह का कहना है कि तीर्थयात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

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