ब्रेकिंग: नकल अध्यादेश को सीएम पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी, राजभवन भेजा प्रस्ताव।

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देहरादून (एसएस तोमर) – भर्ती परीक्षाओं को लेकर सरकार ने नकल विरोधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए अध्यादेश के प्रस्ताव मंजूरी दी। जिसको देर शाम मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया। इस अध्यादेश में महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए है।


उत्तराखंड का नकल विरोधी कानून इस अपराध के लिए देश में सबसे कठोर कानून माना जा रहा है इसके तहत नकल करने वाले और पेपर लीक करने वालों पर कार्रवाई के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं। नया कानून लागू होने के बाद पेपर लीक कराने वालों को उम्र कैद की सजा के साथ 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना अदा करना होगा। बड़ी बात यह भी है कि सरकार नकल कराने के आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क करेगी इस कानून के तहत अपराध गंभीर गैरजमानती और अशमनीय होगा।

1 – यदि कोई व्यक्ति प्रिंटिंग प्रेस सेवा प्रदाता संस्थान प्रबंध तंत्र कोचिंग संस्थान इत्यादि नकल कराने में दोषी पाया जाता है तो उसे उम्र कैद की सजा होगी साथ ही 10 करोड़ तक का जुर्माना भी लागू होगा। इसी प्रकार कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षड्यंत्र करता है तो उसके लिए भी यही सजा लागू होगी।

2 – भर्ती परीक्षा में नकल करते अथवा कराते पकड़े जाने वाले परीक्षार्थी के लिए भी सख्त सजा की गई है इसके तहत उसे 3 साल की कैद और न्यूनतम 5 लाख तक का जुर्माना भरना होगा। यदि वहा परीक्षा भर्ती दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पुनः दोषी पाया जाता है तो यह सजा दोगुनी हो जाएगी यानी न्यूनतम 10 वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माना लागू होगा।

3- नकल करता मिला अभ्यर्थी चार्ज शीट दाखिल होने के दिन से 2 से 5 वर्ष तक डिबार रहेगा। वह दोषी साबित होता है तो फिर आगे 10 साल तक प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेगा।

4 – इसके बाद भी यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो कानून के अनुसार क्रमशः 5 से 10 वर्ष के लिए डिबार रहेगा। फिर दोषी साबित होने पर उस पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाएगा।

इस पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार भर्ती परीक्षाओं के लिए पारदर्शी और ठोस सिस्टम तैयार कर रही है भर्ती परीक्षाओं की सुचिता से खिलवाड़ करने वालों से बेहद सख्ती से निपटा जाएगा नकल माफियाओं के प्रदेश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। हालांकि यह कानून कब मूर्त रूप लेता है यह देखने वाली बात होगी।

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