RSS के लिए खतरे की घंटी है BJP में ISI की घुसपैठ!

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वृन्दावन: जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी अवशेषानंद ने पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी, आईएसआई के लिए काम करने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी तथा इसकी युवा इकाई के सदस्यों की हाल में मध्यप्रदेश में हुई गिरफ्तारियों को पार्टी के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए ‘खतरे की घंटी’ बताया है.

संघ के लिए ‘खतरे की घंटी’

डॉ. अवधेशानंद ने कहा, “ये गिरफ्तारियां ऐसे समय में हुई हैं, जब मप्र में तो कई सालों से बीजेपी की सरकार है ही, ढाई वर्ष से केंद्र में भी यही पार्टी सत्ता में है.” उन्होंने कहा, “इस घटनाक्रम से बीजेपी की राजनीतिक किरकिरी हुई है, लेकिन संघ के लिए यह दूरगामी दुष्प्रभाव वाला और ‘खतरे की घंटी’ है. क्योंकि कट्टर राष्ट्रवाद का प्रखर समर्थक होने के कारण संघ की देशभक्ति पर विरोधी भी प्रश्नचिन्ह लगाने से अब तक बचते रहे हैं.”

उन्होंने चेताया, “यदि संघ ने इस घटनाक्रम पर गंभीरता से विचार कर अपने मूल चरित्र की अक्षुण्णता सिद्ध करने की दिशा में तुरन्त ठोस कदम नहीं उठाए तो पूरे संघ परिवार की विश्वसनीयता खतरे में पड़ जाएगी.”

सत्तारूढ़ पार्टी में देशद्रोहियों की घुसपैठ कराने का मामला

अवशेषानंद ने कहा, “संघ के चरित्र को देखते हुए यह विश्वास किया जाना चाहिए कि गिरफ्तार लोगों के आईएसआई एजेंट होने की जानकारी बीजेपी के स्थानीय नेतृत्व को नहीं रही होगी. यह स्पष्टत: सुनियोजित ढंग से सत्तारूढ़ पार्टी में देशद्रोहियों की घुसपैठ कराने का मामला है, ताकि वे अपने आकाओं को सटीक गोपनीय जानकारियां दे सकें. इससे बीजेपी तथा संघ को यह सबक लेना चाहिए कि वे नए आगंतुकों की पूरी पृष्ठभूमि की जानकारी प्राप्त करने के बाद ही उन्हें सदस्य बनाएं.”

महामंडलेश्वर ने कहा, “संघ की दैनिक शाखाओं तथा समय-समय पर आयोजित होने वाले शिविरों में स्वयंसेवकों के भीतर देशभक्ति की भावना कूट-कूटकर भर दी जाती है. ऐसा कोई भी खांटी स्वयंसेवक राष्ट्रविरोधी रास्ते पर कैसे चल सकता है- भले ही उसे कितना भी वित्तीय अथवा अन्य प्रलोभन क्यों न दिया जाए.”

अवशेषानंद ने आगे कहा, “यह घटनाक्रम इस बात की आवश्यकता प्रतिपादित करता है कि बीजेपी सहित संघ के सभी आनुषांगिक संगठनों में सिर्फ संघ के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को ही शामिल किया जाए. बीजेपी के पूर्ववर्ती जनसंघ में संघ के प्रशिक्षित स्वयंसेवक ही लिए जाते थे, किन्तु बीजेपी ने राजनीतिक विस्तार के लालच में संघ की नीतियों को त्यागकर अनापशनाप सदस्यता अभियान शुरू कर दिए. इससे उसे तात्कालिक राजनीतिक लाभ तो मिला और केंद्र तथा कई राज्यों में उसकी सरकारें भी बन गईं, लेकिन संघ का मूल सिद्धांत देशभक्ति तथा चरित्र निर्माण नेपथ्य में चला गया.”

सरकार बनाए बगैर भी किया जा सकता है राष्ट्रनिर्माण का कार्य

महामंडलेश्वर ने सुझाव दिया कि बीजेपी सहित संघ परिवार के सभी आनुषांगिक संगठनों को संघ के मूल सिद्धांत का हमेशा सम्मान करना चाहिए, और संघ की विचारधारा त्यागकर सत्ता में आने का प्रयास बीजेपी को नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा, “राष्ट्रनिर्माण का कार्य सरकार बनाए बगैर भी किया जा सकता है. इसलिए बीजेपी को शुचिता, उच्च नैतिक मूल्यों तथा देशभक्ति को सर्वोच्च महत्व देते हुए ही राजनीति करनी चाहिए और उस पर संघ का पूर्ण नियंत्रण रहना चाहिए.”

अवशेषानंद ने कहा, “संघ की विचारधारा का पालन करते हुए यदि बीजेपी सत्ता प्राप्त करती है तो ऐसी सत्ता न केवल दीर्घकाल तक चलेगी, बल्कि इसे मध्यप्रदेश की तरह की घटनाओं से शर्मसार भी नहीं होना पड़ेगा.”

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