उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों को पश्चिमी देशों में मानक अभ्यास के मुताबिक जेनेरिक दवा के लिए (प्रिस्स्क्रिप्शन) नुस्खे जारी करने का निर्देश दिया है। उत्तराखंड इस प्रणाली को लागू करने वाला प्रथम राज्य होगा ।
तीन प्रतियों के अनुसार, चिकित्सक अपने पास एक प्रति रखेगा और शेष दो प्रतियां रोगी और फार्मासिस्ट को दी जाएगी। जो लोग गैर-सामान्य दवा लिखना चाहते हैं, उन्हें एक वरिष्ठ डॉक्टर से अनुमति लेने की जरूरत पड़ेगी और उन्हें कारण का उल्लेख करना होगा।
इसके अलावा, ऑडिट के दौरान इन प्रेस्क्रिप्शन की जांच विशेषज्ञों द्वारा भी करवाई जा सकती हैं ।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रणाली को लागू करने के लिए उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा। तमिलनाडु में इसके लिए आदेश दिए गए थे लेकिन कभी भी लागू नहीं किया गया था। उत्तराखंड सरकार ने, अप्रैल में आदेश जारी किया, और स्वास्थ्य विभाग को एक हफ्ते के भीतर अपना क्रियान्वयन शुरू करने को कहा है।
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ डीएस रावत ने कहा, “यह कदम हमें दवा की उपलब्धता का स्टॉक रखने में मदद करेगा और यह भी सुनिश्चित करेगा”