बड़ी खबर: उत्तरकाशी के मोरी विकासखंड का सावनी गांव रात करीब एक बजे आग के शोले में बदल गया। यहां भीषण अग्निकांड से 25 भवन जलकर राख हो गए। ग्रामीणों ने खेत की ओर भागकर जान बचाई। वहीं दो सौ से अधिक मवेशी मरे।… उत्तरकाशी के मोरी विकासखंड के अंतर्गत सावनी गांव देर रात आग के शोले में बदल गया। यहां भीषण अग्निकांड की चपेट में आने से 25 भवन जलकर राख हो गए। इससे करीब 46 परिवारों के सिर से छत छिन गई। वहीं दो सौ से अधिक मवेशी आग की भेंट चढ़ गए।
सूत्रों की मानें तो पूरे गांव में सिर्फ दो भवन ही सुरक्षित बच सके हैं। अधिकांश मकान लकड़ी के थे। ऐसे में आग पर काबू पाना भी मुश्किल हो गया। इस दुर्गम इलाके में प्रशासन की टीम भी मौके पर सुबह तक नहीं पहुंच सकी। बता दे कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 200 किलोमीटर दूर सावणी गांव हिमाचल की सीमा से लगा है। निकटतम सड़क स्टेशन जखोल गांव से सावणी पहुंचने के लिए सात किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। यहां एक घर में लगी आग ने विकराल रूप लेना शुरू किया कि उसकी जद में एक-एक करते दूसरे मकान भी आने लगे।
देखते ही देखते पूरा गांव आग की चपेट में आ गया। ग्रामीण घरों से बाहर निकले और मवेशियों को भी बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक 200 से अधिक मवेशी जल कर मर गए। आग बुझाने के लिए ग्रामीणों के प्रयास भी सफल नहीं हो सके। जैसे-जैसे आग बढ़ती गई तो ग्रामीण अपने बच्चों सहित खेतों की ओर भागे। पूरे गांव में चीख-पुकार मचने लगी। करीब रात ढाई बजे जिला प्रशासन को आग की सूचना मिली। प्रशासन और पुलिस की टीम सावणी गांव के लिए रवाना हुई। जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने बताया कि राहत और बचाव टीम तथा प्रशासन की टीम को मौके पर भेजा गया।