खुशखबरी: अब सैलानियों को हंड्रेड परसेंट बाघ देखने को मिलेगा मौका, कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक नया जोन खोलने की वन विभाग की है तैयारी!

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कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक नया जोन खोलने की तैयारी शुरू हो गई है, जिसमे हर पर्यटक को 100 प्रतिशत बाघ देखने को मिलेंगे. 50 किलोमीटर के एरिया में चार से पांच बाड़े बनाए जाएंगे जिसमें एक बाड़े में बाघ, दूसरे बाड़े में भालू, तीसरे बाड़े में लेपर्ड, चौथे बाड़े में हाथी, और पांचवे बड़े में हिरण बंदर लंगूर व अन्य वन्यजीव रखे जायेंगे। इस सफारी पार्क को बनाने का कॉर्बेट प्रशासन का मुख्य उद्देश्य यह है कि यहां आने वाले पर्यटक किसी भी हाल में बाघ को देखे बिना ना जाएं और वह जिम कॉर्बेट पार्क में आने के बाद किसी भी हाल में यहां के जानवरों को देख सकें. इस सफारी पार्क का खाका तैयार कर लिया गया है और इसे शासन के सामने मंजूरी के लिए पार्क प्रशासन ने अपनी ओर से भेज दिया है. जल्द ही इस सफारी पार्क को अमलीजामा पहना दिया जाएगा. अमूमन कॉर्बेट पार्क में सालाना तीन लाख के आसपास पर्यटक घूमने आते हैं जिनमें से 70 फ़ीसदी लोग बाघ को नहीं देख पाते हैं और मायूस होकर यहां से लौट जाते हैं दूसरी तरफ कॉर्बेट पार्क पर पर्यटकों की संख्या का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. पर्यटकों की बढ़ती संख्या से कॉर्बेट पार्क पर भारी दबाव है जिसे कम करने के लिए भी इस सफारी पार्क को खोलना बेहद जरूरी हो गया है। इस सफारी पार्क में उन जानवरों को रखा जाएगा जो कि रेस्क्यू करके लाए जाएंगे.
अधिकांश बार देखा गया है कि जिन वन्यजीवों को रेस्क्यू किया जाता था। वह जानवर नैनीताल के चिड़ियाघर भेज दिए जाते थे. लेकिन अब उनका इलाज करके उनको यही इस पार्क में रखा जाएगा. जिससे उन जानवरों को नेचुरल हैबिटैट मिल सके और पर्यटकों को भी बाघ और अन्य जानवर देखने को मिल सकें. इस पार्क में घूमने के लिए पर्यटकों को एक पिंजरे नुमा गाड़ी में बैठा कर पार्क के अंदर भेजा जाएगा, जो लगभग 15 से 30 मिनट तक पर्यटकों को इस सफारी पार्क में घुमाएगी. इस प्रकार की 4 गाड़ियां इस सफारी पार्क में लगाई जाएंगी और यह सफारी पार्क साल के 12 महीने खुला रहेगा जब कि कॉर्बेट नेशनल पार्क साल में केवल 6 से 7 महीने खुला रहता है, बाकी के समय जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है. इस पहल को वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट भी अच्छी पहल मान रहे हैं और उनका मानना है कि ऐसे सफारी पार्क खोलने से यहां आने वाले पर्यटकों को भी इस बात का एहसास होगा कि बाघ हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है और इस पार्क से टाइगर कंजर्वेशन के लिए भी मदद मिलेगी.

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