वास्तु के ये उपाए अपनाएंगे तो नहीं होगी घर में धन की कमी ?

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स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है और स्वस्थ मस्तिष्क ही समाज का महत्वपूर्ण पालन करता है। इसीलिए संस्कृत में कहा गया है आरोग्यम् सुख सम्पदा। कई जगह इसे आरोग्यम् धनसंपदा भी कहा जाता है। दोनों का अर्थ एक है। यानि निरोगता ही सुख संपत्ति दोनों है। शरीर जिस तरह का अन्न खाता है, हवा पानी लेता है वह हमें विलक्षण बनाता है। स्वास्थ्य हम सबके लिए नितांत आवश्यक है, इसीलिए समाज जीवन में स्वास्थ्य के बारे में लगातार कुछ न कुछ टिप्पणियां की जाती है जो हमें सचेत, सचेष्ट और जागरूक करती है। एक स्वस्थ जीवन के लिए अन्य सभी उपायों के बावजूद अगर वास्तु को टाला गया तो परिवार में स्वास्थ्य संबंधी संभाव्य मसलें आ सकते हैं । स्वास्थ्य के लिए वास्तु लौकिक विज्ञान के उस पहलु से संबंध रखता है जहाँ वह घर की सकारात्मक ऊर्जा को लक्ष्य बनाता है जिससे न सिर्फ व्यक्ति के तथा उसका / उसकी परिवार के शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य में बल्कि उनकी समस्त तंदुरूस्ती में सुधार होता है ।
व्यक्ति की शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने के अलावा स्वास्थ्य के लिए वास्तु का सबसे बड़ा लाभ यह है कि शरीर के भीतर 7 चक्र सक्रिय तथा संतुलित हो जाते हैं । चक्र एक और प्राचीन विज्ञान है जो समग्र तंदुरूस्ती के लिए आवश्यक है । जब शरीर के 7 चक्र खुल जाते हैं अथवा संतुलित हो जाते हैं तब व्यक्ति अपने सर्वोत्तम स्वास्थ्य में होता है । अच्छे वास्तु से उत्पन्न होनेवाली सकारात्मक ऊर्जा सात चक्रों के संतुलन के लिए व्यापक रूप से उत्तरदायी है और व्यक्ति की आंतरिक शांति को खोजने में तथा फुरतीला व स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है ।

कुछ सुझावों का परिपालन करने के लिए नीचे कुछ वास्तु सुझाव दिए हैं :-
क्या आप बीम के नीचे बैठकर काम करते हैं ? बीम के नीचे बैठकर या खंबे के पास बैठकर काम करना टालें क्योंकि उससे आपकी सेहद पर गंभीर प्रभाव पड सकता है । बीम संपूर्ण आवास की नकारात्मक ऊर्जा को खींच लेती है जो आपको हस्तांतरित होती है । इसलिए स्थायी रूप से उस जगह पर बैठने से बचें ।


आप कहाँ सम्मुख होकर सोते हैं ? आपकी अनुकूल दिशा में सोने से आपके 7 चक्र सक्रिय हो जाते हैं । इन सक्रिय चक्रों की वजह से सभी सांसारिक मसलों को सुलझाने की शक्ति मिल जाती है।
स्नानगृह तथा शौचालय का ध्यान रखें । घर या कार्यालय में खुले हुए स्नानगृह तथा शौचालय आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं । स्नानगृह तथा शौचालय से बहुत सारी नकारात्मक ऊर्जा का उत्सर्जित होती है इसलिए उन्हें बंद करके रखना सबसे बेहतर है ।
क्या आपके घर में इस्तेमाल न किये हुई दवाईयाँ है ? यदि ऐसा है तो तुरंत उन्हें हटा दें । सरल वास्तु के अनुसार ऐसी काम में न लायी हुई दवाईयों को घर में रखने से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है क्योंकि यह दवाईयाँ पिछली बिमारियों की नकारात्मक मानसिक छवि का प्रतिनिधित्व करते हैं ।

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