उत्तराखंड के इतिहास मे नम्बर वन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत!

0
1788

देहरादून- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को उत्तराखंड की कमान सौंपकर, जो भरोसा उनपर जताया था, उसपर अब उत्तराखंड के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत खरे उतरते नजर आ रहे है। शपथ ग्रहण के बाद भ्रष्टाचार पर पहला प्रहार करने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अब प्रदेश को सक्षम और समर्थ बनाने का निणर्य लिया है। बात जीरो टॉलरेंस की करे या फिर उत्तराखंड के विकास की, मुख्यमंत्री अपनी जिमेदारियों को बखूबी निभा रहे है। भ्रष्टाचार पर धड़ाधड़ प्रहार और प्रदेश का विकासोन्मुखी बनाने के प्रयास इस बात का प्रमाण है कि मुख्यमंत्री निरंतर लोकप्रियता हासिल कर रहे है। अभी हाल ही के सर्वे मे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अबतक का सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री माना गया है। यही कारण है कि फिर एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पीठ थपथापायी है। बीते दिनों की बात करे तो, त्रिवेंद्र सरकार ने उत्तराखंड को अटल सेतु ओवर ब्रिज व डाँटकाली डबल लेन टर्नल जैसी दो बड़ी सौगाते दी, जिसका उत्तराखंड की जनता को कब से इंतजार था।सियासी तजुर्बे के लिहाज से देखा जाये तो पहले के सात मुख्यमंत्रियों के मुकाबले अपेक्षाकृत युवा त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व मे सरकार जिस तरह देश-विदेश से उम्मीदों से कहीं ज्यादा निवेश को खींचने मे सफल रही, उससे उनके ’कद’ मे और इजाफा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल से लेकर तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने उनकी इस पहल की साराहना की।अपने डेढ़ साल के कार्यकाल मे भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस नीति के कारण पहचान बनाने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए इन्वेस्टर्स समिट एक नई पहचान गढ़ने वाला साबित हो सकता है। जिस तरह अब तक उत्तराखंड की देश दुनिया मे छवि एक धार्मिक व आध्यामिक प्रदेश की रही है इस समिट के सकारात्मक नतीजों से अब उत्तराखंड मे बड़ा बदलाव आ सकता है। दो दिन के सम्मेलन में पीएम मोदी का मंत्र और त्रिवेंद्र सरकार की कोशिश उत्तराखंड को कई बड़े सपने दिखा रही है। 7 और 8 अक्टूबर को डेस्टिनेशन उत्तराखंड के नाम से हुआ ये आयोजन उत्तराखंड के लिए अब तक का सबसे बड़ा निवेशकों का मेला बन गया है। जिस तरह तीन महीने से राज्य सरकार इसकी कवायद में जुटी थी, अब यह आयोजन उम्मीद बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री के अनुसार 1.20 लाख करोड़ के एमओयू साइन हो चुके हैं यादि इसमे से दस से पन्द्रह हजार करोड़ भी निवेश में तब्दील हो गए, तो राज्य के लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी। ऐसा माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा और स्थानीय निकाय चुनाव में इन्वेस्टर्स समिट की सफलता को भाजपा मुख्य हथियार के रूप मे इस्तेमाल कर सकती है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here