लद्दाख में फिर भारत-चीन सेना के बीच नोकझोंक, तनाव के बाद अतिरिक्त फोर्स तैनात….

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भारत और चीनी सेना एक बार फिर लद्दाख में आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल, बुधवार को पैंगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों सेनाओं के जवानों के बीच नोकझोंक हुई। हालांकि, इसके बाद दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस वार्ता के बाद हालात सामान्य हो गए हैं।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बुधवार को भारतीय सेना के जवान पैंगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर पेट्रोलिंग कर रहे थे। इस दौरान उनका सामना चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों से हुआ। चीनी सेना, भारतीय जवानों की मौजूदगी का विरोध कर रहे थे। इस दौरान दोनों सेनाओं के जवानों के बीच नोकझोंक हुई। इसके बाद सीमा पर जवानों की संख्या बढ़ा दी गई।

बता दें, चीन बॉर्डर पर भारतीय सेना अक्टूबर में बड़ा युद्ध अभ्यास करने जा रही है। भारतीय सेना की माउंटेन स्ट्राइक कोर के 5,000 से अधिक जवान अक्टूबर में अरुणाचल प्रदेश में वायु सेना के साथ युद्ध अभ्यास करेंगे। चीन बॉर्डर पर यह पहला युद्ध अभ्यास होगा।

सेना के एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, तेजपुर स्थित 4 कोर को हाई अल्टीट्यूड पर अपनी सेना की रक्षा के लिए तैनात किया जाएगा जबकि 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर के 2500 जवानों को एयर फोर्स एयरलिफ्ट करेगी। स्ट्राइक कोर के जवान युद्धाभ्यास में 4 कोर के जवानों पर हवाई हमले करेंगे।

इस साल जुलाई में भूटान ने दावा किया था कि 2017 में डोकलाम में एक सड़क निर्माण को लेकर चीन और भारत के सैनिक एक दूसरे के आमने-सामने आ गए थे। उस समय दोनों सेनाओं के बीच काफी तनाव बढ़ गया था। लंबे समय तक चले डोकलाम गतिरोध ने दोनों देशों के बीच चले आ रहे सीमा विवाद को और भी बढ़ा दिया था। हालांकि अब दोनों देशों के बीच संबंधों को दुरुस्त किया गया है। भारत और चीन के बीच 3,448 किलोमीटर लंबी सीमा पर दशकों पुराना विवाद है, जो दुनिया की नौवीं सबसे लंबी सीमा है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है जबकि भारत अक्साई चीन पर अपना दावा करता है। 1962 में दोनों देशों के बीच युद्ध भी हो चुका है।

 

 

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