बढ़ते कोरोना के मद्देनज़र निरंजनी अखाड़े ने अपने अखाड़े के साधू-संतों के लिए 17 अप्रैल को कुंभ समापन का फैसला किया। और दूसरे अखाड़ों से भी ऐसा ही करने की अपील की। लेकिन निरंजनी अखाड़े का फैसला बैरागी संतों को रास नहीं आया और वे इससे खासा नराज़ नज़र आ रहे हैं। बैरागी संतों ने हरिद्वार में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और निरंजनी और सहयोगी अखाड़ों से माफी की मांग की । बैरागी संतों का कहना है कि कुंभ समापन का अधिकार शासन या फिर मेला प्रशासन का है । बैरागी संतों ने कुंभ समाप्ति की घोषणा करने वालों से माफी की मांग की और कहा कि यदि उन्होंने माफी नहीं मांगी,तो ऐसा करने वाले संत अखाड़ा परिषद में नही रह सकते। बहरहाल बैरागी संतों ने कहा कि उनके लिए मेला जारी रहेगा और वह 27 अप्रैल को भी शाही स्नान करेंगे।